सिवनी मालवा जनपद सी.ई.ओ. पर करोड़ों के घपले का आरोप..
नाव घाटों के ठेके, स्वेच्छानुदान निधि, सामग्री खरीदी, मनरेगा वगैरह में घोटालों की शिकायत
होशंगाबाद गांवों में एक कहावत है कि, जब बागड ही खेत खाने लगे तो उस खेत का क्या हश्र होगा? इसका अंदाजा लगाना कोई मुश्किल बात नहीं है।
ठीक इसी तर्ज पर सिवनी मालवा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सी.ई.ओ.) दुर्गेश भुमरकर ने नर्मदा नदी के घाटों पर नाव के ठेकों, स्वेच्छानुदान निधि में 3 करोड़ से अधिक की राशि की हेराफेरी, कोरोना काल में नियम विरूद्ध सामग्री क्रय, मनरेगा में मशीनों से काम करवाकर फर्जी मजदूरों के नाम राशि का आहरण जैसे कई नियम विरूद्ध कार्य कर शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान पहुंचाया है।
यह आरोप बानापुरा के आर. टी. आई. कार्यकर्ता एवं सेवानिवृत्त फौजी भागीरथ प्रसाद यदुवंशी ने लगाये हैं। उन्होंने इन पूरे प्रकरणों की 7 फरवरी 2023 को जन सुनवाई में कलेक्टर होशंगाबाद से बकायदा शिकायत की है। शिकायत में यदुवंशी ने सी. ई. ओ. दुर्गेश भुमरकर के कार्यकाल में हुए तमाम विकास कार्यों की निष्पक्ष जांच की मांग की है। आर. टी. आई. कार्यकर्ता ने दावा किया है कि, सी. ई. ओ. ने भोपाल में एक मकान, डोलरिया में एक बेयर हाउस, पिपरिया रोड पर पैट्रोल पम्प सहित कई सम्पत्ति अपने रिश्तेदारों के नाम पर क्रय की हैं। यह सम्पत्ति इन्हीं भ्रष्टाचार से कमाई गई हैं।
शिकायत में बताया कि, ग्राम पंचायत झाडबीडा को शहरी क्षेत्र के कार्य के लिए एजेन्सी बनाकर लाखों रूपये का गबन किया गया। क्योंकि, सी. ई. ओ. ने सूचना के अधिकार के तहत् ग्राम पंचायत मंे एक कार्य करना बताया जबकि, ग्राम पंचायत झाडबीडा से प्राप्त जानकारी में 3 विकास कार्य किये गये है। इसी तरह सिवनी मालवा विकासखण्ड के नाव घाटों की राशि सन् 2019 एवं 2021 शासकीय खाते में जमा नहीं की गई। इसके साथ ही जिन घाटों पर हर साल ठेके की रकम को 10 प्रतिशत बढाकर बोली लगाई जानी थी वहां लाखों रूपये कम कर ठेके दे दिये गये। ऐसे उदाहरण ग्राम बाबरी घाट लूच गांव, रामगढ के नर्मदा घाटों की नीलामी में देखे जा सकते है। ऐसे ही स्वेच्छा अनुदान निधि में भी 3 करोड से अधिक का गबन किया गया। यह राशि एकल खाता क्रमांक- 1723702739 से ट्रांसर्फर कर स्वेच्छा अनुदान खाता क्रमांक- 3677124485 में ट्रांसर्फर करके चेक के माध्यम से सी. ई. ओ. ने नियम विरूद्ध आहरण कर राशि का गबन किया है।
शिकायत में आरोप है कि, कोरोना काल में लाखों रूपये की सामग्री व दवाईयां क्रय करना बताया गया। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हुआ है। फर्जी बिलों का भुगतान कर लाखों का ही गबन किया गया है। मनरेगा में मजदूरों के नाम पर पैसे निकालने जबकि काम जे.सी.बी.मशीन द्वारा कराये गये। इसके प्रमाण ग्राम पंचायत बावरी, पथाडा, बनाडा, हरपालपुर इत्यादि जगहों पर देखे जा सकते है। पौधारोपण के नाम पर ट्री गार्ड क्रय करने के नाम पर भी पंचायतों से भुगतान कराया गया।
ग्राम पंचायत खारदा में बगैर नाली एवं रोड निर्माण किये बिलों का भुगतान कर दिया गया। भीलटदेव की दुकानों का किराया भी जनपद पंचायत में जमा नहीं कराया गया। जनपद सी.ई.ओ. दुर्गेश भुमरकर जुलाई 2019 से पदस्थ है। इस दौरान
उन्होंने कई वित्तीय अनियमितता की है।